तुम्हारे लिए मैंने
क्या-क्या नहीं किया
एक-एक पल बस
तुम्हें देख कर जीया
तुमने मेरा प्यार कबूल
नहीं किया
इस दर्द में मैं
तदपा
फिर भी याद
तुम्हीं को किया
कोशिश पे कोशिश
दर कोशिश
मुकद्दर ने हमारा
मजाक उड़ाया
इस पर भी उपरवाले को
हम पे तरस न आया
तुम भी क्या कम थी
तानों पे ताने
उस पर भी हमारा
दिल जलाने में
तुम्हें मज़ा आया
हमें खून के आंसू रुलाया
इश्क कि नाकामयाबी
के सदमे ने हमें
कभी कुछ करने नहीं दिया
फिर भी इस दर्द
के नाम,
तेरे नाम
अपनी पूरी जिंदगी
को किया
--अमित सागर
For those who love someone and want to express their love to the world.
Wednesday, December 12, 2007
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- New Delhi, New Delhi, India
- I am Amit Sagar living presently in New Delhi originally from Patna.
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