देखता हूँ जब कभी उसे
पाता हूँ एक
प्रेरणादायी श्रोत के रुप में
चट्टान सी दृढ़ता
कर्त्तव्यनिष्ठा भास्कर सी
रश्मियों सी चंचलता
जल सी द्रवता
धैर्य अवनि सा
समय सी निरंतरता
प्रेम भावना, सामंजस्य, दृढ़ता एवं
सौंदर्य की
अकूत सम्पदा लिए हुए
वो चली आ रही है
या कहूं
कि
जग को चला रही है
कोई दूसरा नहीं है
उसके जैसा
क्यूंकि
वो तो वो है
देखो वो चली आ रही है
लगता है मेरी तरफ ही आ रही है
चौधरी सुखवीर सिंह "भास्कर"
For those who love someone and want to express their love to the world.
Saturday, December 8, 2007
वादा
चाहे सारे वादे
जो मैंने अब तक किये हैं
झूठे क्यों न हो जाएँ
पर ये वादा न झुठलाउंगा
कि तुमको मैं एक दिन पाऊंगा
वचन लेता हूँ मैं आज अपने आप से
कि एक दिन मैं तुमको पाउँगा
जो सोचते हैं लोग
कि मैं न कर पाउँगा
वो मैं कर के दिखलाउंगा
तुमने कभी मुझे अपने दिल में
आने नहीं दिया
प्यार का फूल खिलाने नहीं दिया
पर एक दिन
तुम्हारे दिल के एक कोने में
अपनी बंजर ज़मीं पर
लाल गुलाब खिलाऊंगा मैं
तुम देखोगी, ये दुनिया देखेगी
कि मैं भी क्या चीज़ हूँ
jo हो नहीं सकता मेरा
बनता हूँ कैसे दिल उसका
जां उसकी
जो मैंने अब तक किये हैं
झूठे क्यों न हो जाएँ
पर ये वादा न झुठलाउंगा
कि तुमको मैं एक दिन पाऊंगा
वचन लेता हूँ मैं आज अपने आप से
कि एक दिन मैं तुमको पाउँगा
जो सोचते हैं लोग
कि मैं न कर पाउँगा
वो मैं कर के दिखलाउंगा
तुमने कभी मुझे अपने दिल में
आने नहीं दिया
प्यार का फूल खिलाने नहीं दिया
पर एक दिन
तुम्हारे दिल के एक कोने में
अपनी बंजर ज़मीं पर
लाल गुलाब खिलाऊंगा मैं
तुम देखोगी, ये दुनिया देखेगी
कि मैं भी क्या चीज़ हूँ
jo हो नहीं सकता मेरा
बनता हूँ कैसे दिल उसका
जां उसकी
Friday, December 7, 2007
मरा होता है
क्या तुम ये जानती हो?
जब कोई किसी को
चाहता है
और वो उसे न मिलता है
तो कितनी पीड़ा होती है?
बस पीड़ा ही पीड़ा होती है
जब कोई किसी कि
अराधना करता है
उसकी साधना करता है
और उसकी साधना निष्फल हो जाती है
तो क्या होता है ?
वो अश्रु-पूर्ण भाव विकल हो जाता है
अपने ही होम में जल जाता है
अस्वीकार्य हो जाना
प्रेम न मिल पाना
उसके लिए तो कुछ नहीं
जिसे उसकी चाहत
मिल जाती है
पर जिसे न मिलती है
उसका क्या होता है
जिंदा हो के भी
वो मरा होता है
--अमित सागर
जब कोई किसी को
चाहता है
और वो उसे न मिलता है
तो कितनी पीड़ा होती है?
बस पीड़ा ही पीड़ा होती है
जब कोई किसी कि
अराधना करता है
उसकी साधना करता है
और उसकी साधना निष्फल हो जाती है
तो क्या होता है ?
वो अश्रु-पूर्ण भाव विकल हो जाता है
अपने ही होम में जल जाता है
अस्वीकार्य हो जाना
प्रेम न मिल पाना
उसके लिए तो कुछ नहीं
जिसे उसकी चाहत
मिल जाती है
पर जिसे न मिलती है
उसका क्या होता है
जिंदा हो के भी
वो मरा होता है
--अमित सागर
मुझसे अपने आप को नहीं
क्या तुम कभी
सुन सकती हो
मेरे दिल कि आवाज़ को
नहीं न
मेरा दिल चीखता है
चिल्लाता है
चित्कारता है
पर तुम क्यों सुनोगी
काश तुम्हारा दिल
कभी मेरे लिए धड़क उठे
और ये कह उठे
"हाँ मैं तुमसे प्यार करती हूँ
हाँ,अमित तुमसे ज्यादा
मुझे कोई चाह नहीं सकता"
पर तुम क्यों सुनोगी
तुम्हें सुनने कि ज़रूरत क्या है
इस दुखते दिल की टीस
क्या ज़रूरत है तुम्हें
इस रोते दिल की आंसुओं
को पोंछ्नें की
तुम टोह चाहती ही हो
मुझे पल-पल में सौ मौतें देना
अपने आपको मुझसे
छीन लेना
पर याद रखना प्रिया
तुम मेरी साँसे तो
छीन सकती हो
पर मुझसे अपने आपको नहीं
मेरी रूह को मिटा सकती हो
पर मुझसे अपने आप को नहीं
--अमित सागर
सुन सकती हो
मेरे दिल कि आवाज़ को
नहीं न
मेरा दिल चीखता है
चिल्लाता है
चित्कारता है
पर तुम क्यों सुनोगी
काश तुम्हारा दिल
कभी मेरे लिए धड़क उठे
और ये कह उठे
"हाँ मैं तुमसे प्यार करती हूँ
हाँ,अमित तुमसे ज्यादा
मुझे कोई चाह नहीं सकता"
पर तुम क्यों सुनोगी
तुम्हें सुनने कि ज़रूरत क्या है
इस दुखते दिल की टीस
क्या ज़रूरत है तुम्हें
इस रोते दिल की आंसुओं
को पोंछ्नें की
तुम टोह चाहती ही हो
मुझे पल-पल में सौ मौतें देना
अपने आपको मुझसे
छीन लेना
पर याद रखना प्रिया
तुम मेरी साँसे तो
छीन सकती हो
पर मुझसे अपने आपको नहीं
मेरी रूह को मिटा सकती हो
पर मुझसे अपने आप को नहीं
--अमित सागर
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