जिंदगी
जिंदगी तो सभी जीते हैं
मगर जो कुछ कर-गुज़रते हैं
वही चुनिंदा होते हैं
जिंदगी की नेमत तो
बस मिलती है एक बार
इसे हंसी, ख़ुशी से गुजार दो
दूध का क़र्ज़ उतार दो
कोई झुक जाता है,
रूक जाता है कोई
पर जो आगे बढ़ते जाता है
वही सितारों से भरी
बुलंदी को पाता है
सुना है बड़ी शिद्दत से मिलता है
जीने का एक अनमोल अवसर
तो क्यों ना इसका लाभ उठाएं
अपने नाम को सदा के लिए
अमर कर जाएँ
होती है जिंदगी हर किसी की अपनी
इसे है जीना अपने ढंग से
हमें न बदल पाए ये दुनिया
बल्कि हम ही सजायें उसे
अपने रंग से
अमित सागर
प्रथम इतिहास (प्रतिष्ठा)
For those who love someone and want to express their love to the world.
Monday, February 11, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
About Me
- Amit Sagar
- New Delhi, New Delhi, India
- I am Amit Sagar living presently in New Delhi originally from Patna.
Blog Archive
-
►
2012
(1)
- ► 01/08 - 01/15 (1)
-
►
2009
(10)
- ► 10/04 - 10/11 (1)
- ► 09/27 - 10/04 (2)
- ► 09/06 - 09/13 (1)
- ► 07/12 - 07/19 (3)
- ► 02/15 - 02/22 (3)
-
►
2007
(15)
- ► 12/09 - 12/16 (1)
- ► 12/02 - 12/09 (4)
- ► 11/25 - 12/02 (1)
- ► 11/04 - 11/11 (3)
- ► 10/28 - 11/04 (6)
1 comment:
अमित जी, बहुत ही सुंदर लिख रहे हैं. लिखते रहिये. शुभकामनायें.
Post a Comment