For those who love someone and want to express their love to the world.

Thursday, July 16, 2009

दर्द है कितना
दर्द है इतना मुझको
फ़िर भी कह नहीं सकता मैं तुझको
तन्हाई क्या होती है ?
समझ लो बस जीने नहीं देती है
बीच भंवर में कश्ती का साथ जब छुटा
एक तिनका मिला
बदकिस्मती अपनी
वो तिनका भी किसी और का निकला

काटना नहीं ये पहाड़ सा वक़्त
हर लम्हा लगता है पत्थर सा सक्त
डर है मुझको
कहीं मैं भी पत्थर न बन जाऊं
इन पथरीले लम्हों के बीच
अब बाकी बचा न वो एहसास
जिन्दा रख सकूँ मैं जिस से
अपने दिल को सींच

जो साथ था कारवां मेरे
वो तो कभी का ,कहीं छूट गया
मैंने शायद गलती की
राहों को चुनने में
तभी तो मेरा घरौंदा
मुझी से रूठ गया

अब क्या करूँ मैं
समझ नहीं आता
सोच के देखो
मेरा दर्द-ऐ-दिल और क्या गाता
--अमित सागर



No comments:

lock

Text selection Lock by Hindi Blog Tips

About Me

My photo
New Delhi, New Delhi, India
I am Amit Sagar living presently in New Delhi originally from Patna.