जब कोई किसी से जुदा हो हो , जुदाई हो
जब अकेलापन हो, कोई साथ नहीं
जब किसी से कुछ कहने का दिल करे
और वो बात दिल में ही दबी रह जाए
लफ्ज़ लबों में ही उलझ कर रह जाएँ
जब वक्त कटता नहीं
और लम्हा गुज़रता नहीं
जब पल-पल एक टीस सी उठती हो
और दर्द बढ़ता हो
बेचैनी बढती हो
जब कहीं मन नहीं लगता
और जिंदगी बोझ सी लगती है
जब रोने का जी करता हो
और आंसू थमते नहीं
जब रातों को नींद नहीं आती
और किसी की याद जेहेन से
एक पल को भी नहीं जाती
जब जहाँ जशन में डूबा हो
और कहीं वीरानी हो
जब गुज़रा हुआ वक्त कभी न भुला जाए
और फिलवक्त हमेशा डराए
जब कदम लड़खराए
वजूद हिल जाए
और अपने याद आ जाएँ
वही तो तन्हाई है
हाँ यही तो तन्हाई है
For those who love someone and want to express their love to the world.
Tuesday, September 29, 2009
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- New Delhi, New Delhi, India
- I am Amit Sagar living presently in New Delhi originally from Patna.
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